ख़बरों के मुताबिक मुंबई हमलों के आरोपी अबू हमजा ने यह खुलासा किया है कि लश्करे तैयबा और आई. एस.आई ने२६/११ मुंबई हमलों को हिंदू आतंकवाद का मुखोटा पहनाने की कोशिश की और यह साज़िश एकदम सफल हो गयी होती अगर अजमल कसाब नहीं पकड़ा जाता. उनकी योजना के अनुसार सारे पाकिस्तानी आतंकियों को भगवा पट्टी गले में पहनाकर मुंबई भेजा गया था और अगर सारे आतंकवादी मारेजाते तो यह हमला किसी हिंदू संघठनकि कारस्तानी लगता. पर दुर्भाग्य से कसाब जिन्दा पकड़ा गया और साज़िशका खुलासा हो गया.
मुंबई हमलों के बाद कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने यह आरोप लगाया था कि इन हमलों में हिंदू संघठन का हाथ है और यह हमला हिंदुओं ने किया था. आज इस झूट का खुलासा हो गया है कि यह हमला हिंदुओं ने नहीं पाकिस्तान के आतंकवादियों ने किया है. अब वक्त आ गया है कि दिग्विजय सिंह इस देश के सारे हिंदुओं से सार्वजानिक माफ़ी मांगे और कांग्रेस यह सपष्ट करें कि किस आधार पर वोह हिंदुओं को आतंकवादी कहती है. साथ ही मीडिया को भी सारे देश से माफ़ी मांगनी चाइये क्योंकि दिग्विजय सिंह और दुसरे कांग्रेसी नेताओं के हिंदुओं के खिलाफ दिए गए बयानों को खूब मसाला और झूठ का तडका लगा कर दिखाया था इन मीडिया वालों ने. दुइग्विजय सिंह और महेशभट्ट जैसे लोगों ने तो बकायदा एक पुस्तक का भी अनावरण किया जिसका नाम था "आर.एस.एस की साज़िश - २६/११".
समय आ गया अब ऐसे नेताओं का सफाया करने का जो देश के लोगों को हिंदु आतंकवाद का झूठ बोल बोल कर गुमराहकर रहे हैं और अपनी वोटेबंक कि राजनीति को चमका रहे है. हिंदू इस देश में बहुसंख्यक हैं और कोई भी हिंदू कभी भी किसी आतंकवादी हमले में शामिल नहीं हो सकता. हिंदुओं को बदनाम करने के लिए कांग्रेस और सपाई कुछ भी कर सकते हैं.
वंदे मातरम.
मुंबई हमलों के बाद कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने यह आरोप लगाया था कि इन हमलों में हिंदू संघठन का हाथ है और यह हमला हिंदुओं ने किया था. आज इस झूट का खुलासा हो गया है कि यह हमला हिंदुओं ने नहीं पाकिस्तान के आतंकवादियों ने किया है. अब वक्त आ गया है कि दिग्विजय सिंह इस देश के सारे हिंदुओं से सार्वजानिक माफ़ी मांगे और कांग्रेस यह सपष्ट करें कि किस आधार पर वोह हिंदुओं को आतंकवादी कहती है. साथ ही मीडिया को भी सारे देश से माफ़ी मांगनी चाइये क्योंकि दिग्विजय सिंह और दुसरे कांग्रेसी नेताओं के हिंदुओं के खिलाफ दिए गए बयानों को खूब मसाला और झूठ का तडका लगा कर दिखाया था इन मीडिया वालों ने. दुइग्विजय सिंह और महेशभट्ट जैसे लोगों ने तो बकायदा एक पुस्तक का भी अनावरण किया जिसका नाम था "आर.एस.एस की साज़िश - २६/११".
समय आ गया अब ऐसे नेताओं का सफाया करने का जो देश के लोगों को हिंदु आतंकवाद का झूठ बोल बोल कर गुमराहकर रहे हैं और अपनी वोटेबंक कि राजनीति को चमका रहे है. हिंदू इस देश में बहुसंख्यक हैं और कोई भी हिंदू कभी भी किसी आतंकवादी हमले में शामिल नहीं हो सकता. हिंदुओं को बदनाम करने के लिए कांग्रेस और सपाई कुछ भी कर सकते हैं.
वंदे मातरम.
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